जैसे को तैसा
जैसे को तैसा
लिए तिलाली तपोनिष्ठता
रबी के आवाहन में लीन ,
स्वयम बजाकर मन मोहित था,
अपनी हृद तंत्री के बीन
प्रात किरण आवाहित जल से
उलझी थी रंग रेली में,
गिरी बाज के कर में छूटी ,
चुहिया बीच हथेली
जैसे को तैसा
लिए तिलाली तपोनिष्ठता
रबी के आवाहन में लीन ,
स्वयम बजाकर मन मोहित था,
अपनी हृद तंत्री के बीन
प्रात किरण आवाहित जल से
उलझी थी रंग रेली में,
गिरी बाज के कर में छूटी ,
चुहिया बीच हथेली
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