DAHEJ दहेज

जाने कब तक दहेजो के शोले
घर खुशी के जलाते रहेंगे
जश्न से मांग भरते रहे जो
जिस्म के संग मिटाते रहेंगे

खिलने देंगे न मासूम कलियाँ
जर के आशिक जमी के दरिंदे

मुश्किलों तुमसे मै पूंछता हूँ
कब तलक  मुस्कुराते रहेंगे
जश्न से मांग भरते रहे जो
जिस्म के संग मिटाते रहेंगे


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