Jala doodh ka जला दूध का

कहा शेरनी ने बच्चे से
 होकर तुम्हे सायना
इस पूरे जंगल का
 होगा तुमको राज निभाना

कंदमूल फल घास न खाना
तेरे  कुल को आता
 केवल मांस लहू किस्मत में
लिखता रहा विधाता


बड़ा परिश्रम करना पड़ता
 है अहेर के पीछे
मर जाओगे जान बचाकर
बैठे आँखें मींचे


घात   छलांग वार से रहना
 है तन तुझे बचा कर
तो  विद्या बिल्ली रानी से
 सीखो कुछ दिन जा कर

No comments:

Post a Comment